कहते है
नींद अगर अच्छी आ जाए तो क्या बात
और जो गर न आए
तो याद दिला दे हर बात।
नींद अगर अच्छी आ जाए तो क्या बात
और जो गर न आए
तो याद दिला दे हर बात।
अगर आप बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते है तो अच्छी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन मानसिक तनाव के चलते आजकल ज्यादातर लोग अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं।
नींद के मामले में कभी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अच्छी सेहत के लिए सोने-उठने का सही समय व पर्याप्त नींद बहुत जरूरी होती है।
अगर रात में कम सोते हैं अच्छी नींद नही आती, तो इससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते रात में सोने की समस्या होती है। साथ ही देर रात तक मोबाइल स्क्रॉलिंग से भी नींद गायब हो जाती है। मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी से नींद प्रभावित होती है जिससे बहुत देर तक नींद नही आती।
नींद न आने के पीछे सबसे आम वजह तनाव होती है। तनाव होने पर शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है। इसके कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं रह पाता और ब्रेन एक्टिव रहता है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है।
कम सोने से हमारा सामाजिक कार्यक्षेत्र भी प्रभावित होता है। इससे तनाव, पारिवारिक संबंधों में खटास, चिड़चिड़ापन व भूलने की प्रवृत्ति जैसी परेशानियां होती हैं।
सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। इसके लिए रोजाना कम से कम 6 घंटे जरूर सोना चाहिए।
किस उम्र के व्यक्ति को कितनी नींद जरूरी :-
• 9-12 साल के बच्चों को प्रतिदिन 9 से 12 घंटे तक सोना चाहिए।
• 13-18 साल के युवाओं को हर दिन 8 से 10 घंटे तक नींद लेनी चाहिए।
• 18-60 साल के लोगों के लिए प्रतिदिन 7 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है।
• 61-64 साल के लोगों के लिए हर दिन 7 से 9 घंटे सोना जरूरी होता है।
प्रेग्नेंसी में महिलाओं में इस दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका रहती है। दिन में आधा से एक घंटा और रात में 8 घंटे की नींद जरूरी होती है।
बच्चो में कम सोने से अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर की संभावना रहती है। इससे बच्चे की ग्रोथ और बौद्धिक क्षमता कम हो जाती है।
कितनी नींद जरूरी -
नवजात शिशु के लिए 16-18 घंटे।
3 साल की उम्र तक 12-14 घंटे।
3-12 साल की उम्र तक 10-13 घंटे।
आमतौर पर नींद न आने की समस्या को मेलाटोनिन नामक हार्मोन के कारण होने वाली दिक्कत के तौर पर जाना जाता है। यह हार्मोन सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।
मेलाटोनिन और सेरोटोनिन एक हार्मोन है जो नींद को नियंत्रित करता है। मेलाटोनिन ऐसा हार्मोन है जो आपका मस्तिष्क, अंधेरे की प्रतिक्रिया में पैदा करता है। 'मेलेटोनिन' उदासी और नींद बढ़ाता है इसलिए इसे 'ब्लैकटॉनिक' कहते है। शोध बताते हैं कि मेलाटोनिन, नींद के अलावा भी शरीर में कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
अगर आपको नींद बहुत अच्छी आती है तो ये आपके लिए किसी वरदान से कम नही लेकिन जिन्हे नींद आने मे दिक्कत होती है एक बार उनसे पूछे यह किसी बडी परेशानी से कम नही। ऐसे लोगों में हृदय रोग, डायबिटीज का जोखिम बढ़ने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी होने की समस्या का खतरा अधिक होता है।
व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर असर। दुनियाभर में हुई कई बड़ी दुर्घटनाओं में संबंधित व्यक्ति इस डिसऑर्डर से पीडि़त पाए गए। नींद कम लेने से कई तरह के डिसऑर्डर होने की आशंका रहती है।
कभी भी सोना और किसी भी समय उठ जाना। यह डिसऑर्डर ट्रांसपोर्टर्स, ड्राइवर्स, डॉक्टर्स, नर्सेज, एविएशन और बीपीओ कर्मचारियों में ज्यादा देखने को मिलता है।
नींद न आने की समस्या को स्वास्थ्य विशेषज्ञ सेहत के लिए काफी गंभीर मानते हैं। अध्ययनों में अनिद्रा को कई तरह की बीमारियों को बढ़ाने वाले कारक के तौर पर भी बताया गया है।
ऐसे कुछ सामान्य कारण जिनकी बजह से नींद नही आती
• दिन मे सोना: बहुत से लोग ऐसे होते है जो दिन मे 2-3 घंटे सोने के बाद रात मे अपेछा करते है कि उन्हे रात मे भी अच्छी नींद आए।
• जब तक नींद न आए तब तक मोबाइल, टी वी, लेपटॉप चलाना।
• रात के समय ज्यादा चाय कॉफी लेने से भी अच्छी नींद नही आती।
• दिन मे शारीरिक श्रम कम करना। दिनभर विस्तर पर पडे रहना। जब आपके शरीर को थकान महसूस ही नही होगी तो नींद कहा से आएगी।
• ज्यादा तनाव मे रहना। विस्तर पर जाते ही सोच विचार मे लग जाना।
• रात के समय कुछ खाने की आदत इससे भी नींद प्रभावित होती है।
• सुबह जल्दी न उठना भी रात मे नींद न आने की बजह होती है।
• कभी कभी कुछ दवाओ के साइड इफेक्ट्स के चलते भी हमे अच्छे से नींद नही आती। जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
क्या करे जिससे हमे अच्छी नींद आए
• परिवार के साथ समय बिताएं
• एक निश्चित समय में टेलीविजन देखने की आदत डालें।
• सोने का समय निश्चित करें, दिन में न सोएं, ब्राइट लाइट देखें।
• बोरिंग एक्टीविटिज करें, रात के समय टेलीविजन से दूरी बनाएं।
• बैडरूम में घड़ी न रखें।
• बिस्तर पर जाने से कुछ घंटे पहले कैफीन व निकोटीन (चाय, कॉफी व तंबाकू) के सेवन से बचें।
• दिन मे शारीरिक श्रम करें जिससे रात मे अच्छी नींद आए।
कभी-कभी नींद न आना आम बात है, लेकिन अगर लगातार यह स्थिति बन रही है, तो सतर्क हो जाना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
अगर आप भी नींद न आने की समस्या से परेशान है तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाये जिससे आगे चलकर किसी बडी बिमारी का सामना न करना पडे।
यह आर्टीकल सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए बनाया गया है अगर अच्छा लगे तो अपने आसपास के लोगो के साथ शेयर करें।
धन्यबाद!
एक बार जरूर पडे।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा एवं स्वास्थ्य प्रद लेखन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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