डाइट से जुड़े इन 4 मिथ को जरूर जानिए हमेशा सेहतमंद रहेंगे वजन संतुलित होगा
तेज रफ्तार जिंदगी में सेहत और फिटनेस बड़ी प्राथमिकता बन गई है। ऐसे में नए-नए डाइट प्लांस जल्दी और चमत्कारी नतीजे देने का दावा करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है की कई डाइट केवल मिथकों पर आधारित होती हैं और लंबे समय में सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सच्ची सेहत शरीर को समझने, सही जानकारी हासिल करने और संतुलित खानपान में है। इसलिए आज जानिए डाइट से जुड़े ऐसे ही मिथकों को।
मिथ 1- कार्ब्स वाले फूड वजन बढ़ाते ही है
कांपलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स से नहीं बढ़ता वजन, फायदेमंद भी
प्रोसेस कर बनाए गए सफेद ब्रेड, पेस्ट्री और मीठे स्नेक्स जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले फूड वजन बढ़ाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार होते हैं। जबकि जौ, रागी, ज्वार, बाजरा, ब्राउन राइस और किवनोआ जैसे अनाज से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट फायदेमंद होते हैं। इस परिसर कार्बोहाइड्रेट कहते हैं। यह शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे फाइबर, विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं
मिथ 2- सबके लिए है इंटरमिटेंट फास्टिंग
18 साल से कम बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं
इंटरमीडिएट फास्टिंग उपवास का एक तरीका है। इसमें एक निश्चित समय पर ही खाना खाना होता है। जैसे दिन का भोजन 8 घंटे में और शेष 16 घंटे उपवास। एक तरीका 12 घंटे में भोजन व 12 घंटे उपवास का भी है और भी तरीके हैं। कई के फायदे हैं, लेकिन यह 18 साल से छोटे बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों के लिए नहीं है। विशेषज्ञ से सलाह के बाद ही शुरू करें।
मिथ 3- वजन घटाने को अलग डाइट जरूरी
संतुलित और घर का भोजन वजन घटाने में ज्यादा मददगार
कीटों से लेकर डिटॉक्स क्लींजर्स जैसी ट्रेंडी डाइट से फायदे कम नुकसान की आशंका अधिक होती है। इसमें अक्सर जरूरी पोषक तत्वों की कमी शरीर में हो जाती है लंबे समय में मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुंच सकता है इसकी बजाय, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और सेहतमंद कार्ब्स वाले संतुलित, घर के बने भोजन पर ध्यान दें। दाल, सब्जी, मोटे अनाज की रोटियां और दही आदि पोष्टिक और सेहतमंद भोजन हैं।
मिथ 4- हर 2-3 घंटे में खाने से वजन घटता है
भूख लगने पर ही खाएं, नहीं तो मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है
अक्सर पाचन तंत्र की बेहतरीन के लिए थोड़े-थोड़े समय में भोजन की सिफारिश की जाती है। लेकिन भोजन का थर्मिक प्रभाव न्यूनतम होता है। यानी भोजन पचाने में बेहद कम ऊर्जा खर्च होती है। इसके बजाय, जब वास्तव में भूख हो, तब खाएं। और कोशिश करें कि हर बार संतुलित भोजन लें। तय समय पर भोजन करने से फायदा और अधिक मिलता है। खासकर देर रात भोजन करने से बचें।
नोट : हेल्दी फैट्स भी शरीर के लिए जरूरी है। यह हार्मोंन्स को संतुलित रखने, दिमागी कामों को बेहतर तरीके से करने में मदद करते हैं। घी सरसों का तेल व नारियल का तेल, नट्स और बीज आदि हेल्दी फैट्स के बेहतरीन विकल्प हैं
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