मेडिटेशन क्या है कैसे किया जाता है कितने प्रकार का होता है मेडीटेशन का सही समय क्या है कितनी देर तक करना चाहिए मेडिटेशन करने के फायदे क्या है

मेडिटेशन क्या है कैसे किया जाता है कितने प्रकार का होता है मेडीटेशन का सही समय क्या है कितनी देर तक करना चाहिए Meditaion करने के क्या क्या फायदे हैं।

इस ब्लॉग में आप जानेंगे Meditaion के बारे में बहुत कुछ

हमारे दिमाग में हर समय विचार चलते रहते है। कुछ नए विचार आते है तो कई बार हम पुरानी यादों में खो जाते हैं तो कभी भविष्य की ओर चले जाते है।

यहां तक की जब हम सोते है तब भी हमारा दिमाग काम करता है। और हम अपने विचारों को सपनो के रूप में देखते है।

तो यह तो positive साइन है। की आपका ब्रेन एक्टिव मोड में है जब सब ठीक है तो प्रोब्लम कहा है।

प्रोब्लम तब स्टार्ट होती है जब हमारे ये थॉट्स स्ट्रेस में बदल जाते है। क्या आपने कभी सोचा कि थॉट्स आना तो अच्छी बात है फिर थॉट्स स्ट्रेस में कैसे कन्वर्ट हो जाते हैं।

जब हम किसी एक स्पेसिफिक टॉपिक पर पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पॉइंट्स को एक साथ लेकर चलते हैं। तब हम अपने कॉन्शियस और सबकॉन्शस माइंड को एक साथ एक्टिव करने की कोशिश करते हैं। और अपने थॉट्स में इतना कंफ्यूज हो जाते हैं कि समझ ही नहीं आता क्या सही है क्या गलत।

आपने कभी विचार किया कि कभी-कभी हमें 4 साल पुरानी बात याद रह जाती है। और वहीं 4 मिनट पहले राखी हम कोई चीज भूल जाते हैं। ऐसा क्यों, क्योंकि यह सारा खेल होता है हमारे सबकॉन्शियस माइंड का।

हम अपने सबकॉन्शियस माइंड पर काम कर अपने जीवन को वैसा ही बना सकते हैं। जैसा हम सोचते हैं हमारा जीवन वही होता है जो हम सोचते हैं। हम पॉजिटिव चीजों को सोचेंगे तो हमारे साथ पॉजिटिव होगा और नेगेटिव सोचेंगे तो नेगेटिव।

जब आप अपने सबकॉन्शियस माइंड को पॉजिटिव थॉट से भर देंगे तो आपके जीवन भी खुशियों से भर जाएंगा। तो यह हम कैसे कर सकते हैं इसके लिए सबसे आसान तरीका है मेडिटेशन।

तो चलिए हम जानते कि 

मेडिटेशन है क्या

मेडिटेशन एक प्रक्रिया है जिसमें आप अपने मन को शांत करते हैं। और मन की चेतना को एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयास करते है। सर से पांव तक हर अंग का ध्यान करना, इसकी ऊर्जा और थकान को महसूस करना, उस गति को पहचानना, आपके और आपके शरीर के बीच एक संबंध बनाता है। दर्द और आनंद को स्वीकारना शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह अभ्यास आपको दिखाता है कि कैसे शरीर की हर कोशिका में जीवन है। और यह आपके शरीर के भीतर छुपे ब्रह्मांड को प्रकट करता है।


मेडीटेशन कैसे किया जाता है

ध्यान के लिए एक ऐसा स्थान चुनें जहां आप अलग से बैठकर ध्यान कर सकें। 

एक शांत और साफ़ जगह पर बैठ जाएं।

अपने रीढ़, गर्दन और सिर को एक सीध में रखें।

आंखें बंद करें।

गहरी सांस लें और छोड़ें।

सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।

मन की चिंताओं को भूल जाएं।

ध्यान के दौरान खुद को पूरी तरह से रिलैक्स रखें।

अगर मन भटकने लगे, तो उसे धीरे-धीरे सांसों में वापस लाएं।

जितना हो सके उतना सकारात्मक चीज़ों के प्रति ध्यान लगाएं। 

जब समय बीत जाए, तो आंखें खोलें।


मेडीटेशन के प्रकार

1. माइंडफ़ुलनेस मेडिटेशन 

इसमें मन के विचारों पर ध्यान देना होता है।

२. बॉडी स्कैन मेडिटेशन  

इसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

३. विजुअलाइजेशन meditation

इसमें मन में शांति और सुकून लाने के लिए कोई दृश्य या छवि की कल्पना की जाती है।

४. मंत्रा मेडिटेशन 

इसमें, किसी मंत्र या शब्द को बार-बार चढ़ाया जाता है। 


मेडीटेशन का समय


ध्यान करने का सही समय:

योगियों के मुताबिक, ध्यान करने का सही समय सूर्योदय से डेढ़ से दो घंटे पहले यानी सुबह 3:30 बजे से 5:30 बजे के बीच का होता है। 

हालांकि, जब भी आप ध्यान कर सकते हैं, वह अच्छा समय माना जाता है।

सुबह के समय ध्यान करने से शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है।

सुबह के समय ध्यान करने से मन का भटकाव कम होता है।

बही रात्रि में सोने के पहले ध्यान करने से नींद बहुत अच्छी आती है। तो जिन्हे भी नींद न आने की समस्या है। तो वह रात के समय मेडिटेशन जरूर करें। 


मेडियाटेशन कितनी देर तक करना चाहिए

ध्यान करने का समय आपके लक्ष्य और अनुभव पर निर्भर करता है।

शुरुआत में, 10-15 मिनट से शुरू करके धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है।

ध्यान करने का समय और तरीका:

अगर आपका लक्ष्य मानसिक स्थिरता है, तो 15 मिनट का ध्यान करना पर्याप्त हो सकता है।

अगर आपका लक्ष्य इससे बड़ा है, तो आप 30-45 मिनट तक ध्यान कर सकते हैं।

आप दिन में 3 बार 10-10 मिनट के अलग-अलग सेशन में भी ध्यान कर सकते हैं।

याद रखें बहुत लंबे समय तक ध्यान करने से मानसिक दबाव पैदा हो सकता है। अगर ध्यान बहुत ज़्यादा लगता है तो इसे थोड़ा कम करें जब तक कि आप अपना आराम स्तर न पा लें।


मेडीटेशन के फायदे

1. मेलाटोनिन इंक्रीज होता है 

मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो नींद को नियंत्रित करता है मेलाटोनिन के सही secreation से नींद से जुड़ी बीमारियां नही होती।

मेलाटोनिन  में एंटी-एजिंग गुण होते हैं।

मेलाटोनिन हार्मोन महिलाओ में मासिक धर्म की प्रक्रिया को संतुलित बनाने का काम करता है।


2. कोर्टिसोल डिक्रीज होता है 

मेडीटेशन से कोर्टिसोल हार्मोन का सिक्रेशन काम होता है जिससे स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है।

स्ट्रेस कम होने से हम कई बीमारियों जैसे 

डिप्रेशन,

एंजिटी,

नींद में समस्या,

हाई ब्लड प्रेशर, 

हृदय रोग और 

कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओ से लड़ने में मदद करता है। 


3. मेडीटेशन करने से प्रोलेक्टिन का सिक्रेशन बढ़ता है जो हमे रिलेक्सेशन और भावनात्मक शांती को बढ़ावा देता है।


4. सेरोटोनिन लेवल बढ़ाता है

Meditation करने से serotonin का लेवल शरीर  में बढ़ता है। यह एक हैप्पी हार्मोन है इसके secrestion से हमे खुशी का अनुभव होता है।

Serotonin हमारे body temperature or cardic rhythms को मेंटेन करने में मदद करता है।


5. GABA hormone इंक्रीज होता है

Mediatation से गाबा का secretion बढ़ता है यह हम मानसिक शांति का अनुभव कराता है।

Gaba के secretion से high blood pressure को कम करने में मदद मिलती है।

Anxiety, stress दूर करता है यह हमे निडरता का अनुभव कराता है।


6. growth hormone increase होता है 

मेडिटेशन करने से ग्रोथ हार्मोन इंक्रीज होता है। यह आपके शरीर की सेल्स को रिपेयर करने और आपको हेल्दी रखने में मदद करता है।


7. डायबिटीज के लिए कितना सही 

मेडिटेशन करने से इन्सुलिन प्रोडक्शन कंट्रोल होता है। और ब्लड ग्लूकोस लेवल भी कंट्रोल में रहता है। यह इन्सुलिन रेजिस्टेंस को भी इंप्रूव करता है। डायबिटीज के पेशेंट के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी होता है।


और सबसे इंपॉर्टेंट

ध्यान आपको स्वयं को बेहतर ढंग से समझने, अपना सर्वश्रेष्ठ स्वरूप खोजने, तथा दूसरों के प्रति सकारात्मक भावनाओं और कार्यों को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

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